Saturday, January 9, 2016
एक पल मे खुशिओं का समा देखा
दुजे पल गम का गुलिस्तान देखा
फिर हमने हर पल बदलता ये जहाँ देखा
और हमने हर टूटे दिल पे एक जख्म का निशान देखा
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