Thursday, February 25, 2016
ढेर मिट्टी का हर आदमी है
,
बाद मरने के होना यही है
,
या ज़मीनों में तुर्बत बनेंगे
,
या चिताओं पे जलना पडेगा.
-
सुरेंदर मलिक गुमनाम
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment