Thursday, February 18, 2016

हजार नाकामियाँ हों 'नश्तर' हजार गुमराहियाँ हों लेकिन,
तलाशे-मंजिल है अगर दिल से, तो एक दिन लाजिमी मिलेगी।
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हरगोविंद दयाल 'नश्तर'

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