Wednesday, February 24, 2016
दिल गया था तो ये आँखें भी कोई ले जाता
,
मैं फ़क़त एक ही तस्वीर कहाँ तक देखूँ
|
-
अहमद नदीम कासमी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment