Saturday, February 20, 2016
मैं फूल चुनती रही और मुझे खबर ना हुयी
वो शख्स आ के मेरे शहर से चला भी गया
बहुत अज़ीज़ सही उसको मेरी दिल-दारी
मगर ये है कि कभी दिल मेरा दुखा भी गया
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