Sunday, February 21, 2016
मेरा अज्म इतना बुलंद है कि पराये शोलों का डर नहीं
,
मुझे खौफ आतिश-ए-गुल से है
,
ये कहीं चमन को जला न दे
|
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शकील बदायुनी
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