Wednesday, February 24, 2016
रहे हैं नक्श मेरे चश्म-ओ-दिल पर यूँ तेरी सूरत
,
मुसव्विर की नज़र में जिस तरह तस्वीर फिरती है
|
-
हसरत अजीमाबादी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment