ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही,
जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही.
मोहब्बत की परस्तिश के लिये एक रात ही काफी है 'फराज़'
सुबह तक जो ज़िन्दा रह जाये वो परवाना नहीं होता ।
जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही.
मोहब्बत की परस्तिश के लिये एक रात ही काफी है 'फराज़'
सुबह तक जो ज़िन्दा रह जाये वो परवाना नहीं होता ।
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