Thursday, March 17, 2016
बहा रही हूँ मैं अपनी आँखों से जो
,
अनमोल कितने हैं मेरे लिए ये आँसू
याद है मुझको
,
वो कहा करता था
सच्ची मुहब्बत के सबूत होते हैं आँसू
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