अज़ -मेहर- ता -ब -ज़र्रा दिल -ओ -दिल है आइना
तूती को शश -जिहत से मुक़ाबिल है आइना
~मिर्ज़ा ग़ालिब
ये ग़ालिब का बहोत बेहतरीन शेर है। ग़ालिब कहते है ईश्वर सर्वव्यापी है । सूरज के किरणों से लेकर कण कण में हर जगह उसके ह्रदय की प्रतिमा है । छः दिशाओं में उसका प्रतिबिम्ब दिखता है जो मनुष्य को उसके होने की हमेशा याद दिलाता है ।
अज़ -मेहर- ता -ब -ज़र्रा= सूर्य से लेकर कण तक ;शश -जिहत = छः दिशाएँ
तूती को शश -जिहत से मुक़ाबिल है आइना
~मिर्ज़ा ग़ालिब
ये ग़ालिब का बहोत बेहतरीन शेर है। ग़ालिब कहते है ईश्वर सर्वव्यापी है । सूरज के किरणों से लेकर कण कण में हर जगह उसके ह्रदय की प्रतिमा है । छः दिशाओं में उसका प्रतिबिम्ब दिखता है जो मनुष्य को उसके होने की हमेशा याद दिलाता है ।
अज़ -मेहर- ता -ब -ज़र्रा= सूर्य से लेकर कण तक ;शश -जिहत = छः दिशाएँ
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