Saturday, April 9, 2016
एक आरज़ू है
,
पूरी परवरदिगार करे
मैं दैर से जाऊँ
,
वो मेरा इन्तिज़ार करे
अपने हाथों से सँवारू जुल्फें उसकी
वो शरमा कर मुहब्बत का इकरार करे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment