Saturday, May 28, 2016

वो करीब ही ना आऐ तो इंतज़ार क्या करते..
खुद बने निशाना तो शिकार क्या करते..
मर गऐ पर खुली रही आँखें..
इससे ज्यादा किसी का इंतज़ार क्या करते.

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