Wednesday, June 22, 2016
मेरी निगाह में वह रिन्द रिन्द नहीं साकी
,
जो होशियारी और मस्ती में इम्तियाज करे।
-'
इकबाल
'
1.
रिन्द
–
शराबी
2.
इम्तियाज - फर्क
,
अन्तर
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment