Monday, August 29, 2016

मुद्दत हुई है यार को मेहमां किये हुए,
जोशे-कदह से बज्मे-चरागाँ किये हुए।
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मिर्जा गालिब

1.
कदह - शराब पीने का जाम,
2.
बज्मे-चरागाँ - महफिल को चरागों से रौशन करना

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