वक्त की हवाओं का यारों असर देख लो,
बिख़रे हुए पत्तों का ये मंज़र देख लो।
शौक से छुप जाओ बेवफाई के जंगल में,
पहले मेरी आंखों में वफ़ा का खंज़र देख लो।
अश्कों से उभर आये हैं हथेली पर छालें,
है इंतज़ार में तपिश किस कदर देख लो।
पल-पल में हुस्नें रंगत उड़ती नजर आयेगी,
आईने में शक्ल गौर से अगर देख लो।
ठोकरों में आये, तो मंदिरों में सज गए,
रास्तों के पत्थरों के भी मुकद्दर देख लो।
‘आस' यूं तो रहते हैं घरों में रिश्ते लेकिन,
दिलों के दरमियां है कितना अंतर देख लो।
बिख़रे हुए पत्तों का ये मंज़र देख लो।
शौक से छुप जाओ बेवफाई के जंगल में,
पहले मेरी आंखों में वफ़ा का खंज़र देख लो।
अश्कों से उभर आये हैं हथेली पर छालें,
है इंतज़ार में तपिश किस कदर देख लो।
पल-पल में हुस्नें रंगत उड़ती नजर आयेगी,
आईने में शक्ल गौर से अगर देख लो।
ठोकरों में आये, तो मंदिरों में सज गए,
रास्तों के पत्थरों के भी मुकद्दर देख लो।
‘आस' यूं तो रहते हैं घरों में रिश्ते लेकिन,
दिलों के दरमियां है कितना अंतर देख लो।
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