Monday, April 3, 2017

ये रात जब भी आती हैं तेरा इंतज़ार लाती हैं चांदनी शोख़ निगाहों में सपनो की चुभन देती हैं चन्दा से बाते होती हैं दोनों जागते हैं तन्हा🍁रात भर

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