Wednesday, May 24, 2017

वो मेरी चाहत को यूँ आजमाते रहे
गैरों से मिल के दिल को जलाते रहे
मेरी मौत के बाद भी जालिम को न आया रहम
ला कर फूल मेरे बाजू वाली कब्र पर चढ़ाते रहे

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