Wednesday, May 10, 2017

खिड़की पे खडा
रोशनी देख रहा था
कुछ परवाने उसके आसपास
मंडरा रहे थे
वो सब नशे में थे ,,,
शायद उन्होंने रौशनी पी रखी थी,,,

मैंने मुढ़कर अपने
कमरे में देखा ,,,
वहा इक कीडा चकमक
घिसता कमरे में घूम रहा था,
कमरे में यही इक रौशनी थी,

मैंने कीडे को रोका और कहा
ये क्या कर रहा हैं तू ,,
वो बोला जो तुम कभी
करते थे वो कर
रहा हूँ ,,
बस तुम किसी और कमरे
में करते थे
मैं तेरे कमरे में कर रहा हूँ ,,,

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