Wednesday, May 24, 2017

भुलाना भी चाहें भुला न सकेंगे
किसी और को दिल में ला न सकेंगे.....

भरोसा अगर वो न चाहें तो उन को
कभी प्यार का हम दिला न सकेंगे.......

वादा निभायेंगे, वो जानते हैं
कसम हम को झूठी खिला न सकेंगे......

क्यों आते नहीं वो है मालूम हम को
नज़र हम से अब वो मिला न सकेंगे......

ज़ोर-ए-नशा-ए-निगाह अब नहीं है
मय वो नज़र से पिला न सकेंगे............

हकीकत से अपनी वो वाकिफ़ हैं खुद ही
कर हम से अब वो गिला न सकेंगे........

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