Friday, May 4, 2018

यूँ तो इस दर्द की इन्तहा कुछ नहीँ, गिला ये है कि जाते हुए कहा कुछ नहीँ, ताकते रहे बस जाने से पहले वो, लब कुछ तो कह रहे थे, क्यों सुना कुछ नहीँ ! ! !

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