बड़े फ़रेब है जनाब उनकी झील सी आँखों मे
डूब कर देखा है हमने भी दरिया-ए-महोब्बत में
बेशक ! गजब का नशा है झील सी आँखों मे
महज कोरी बाते उनकी अहसास-ए-महोब्बत में
में सोया न फिर, डूबा रहा उनके ही ख्यालों में
और वो बोले समझाना क्या चाहते हो बातो में
---- सुनिल #शांडिल्य
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