Saturday, November 20, 2021

 तेरे माथे पे लगी

वो छोटी काली बिंदी,


चाँद पर लगी किसी 

जरूरी दाग की तरह है ।


तेरी आंखों में लगा

काला गाढ़ा काजल,


तेरी आंखों  को 'हाय'

और गहरा कर रहा है ।


तेरी कानों के झुमके संग

स्याह जुल्फों की जुगलबंदी


तुझे मुझ शायर की इक

खुबसूरत नज्म बना रहा है ।।


---- सुनिल #शांडिल्य

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