एक खत लिख रहा हूं
पुरानी यादों के नाम
भूली बिसरी यादों के नाम
कैसी हो? कहां हो?
क्या तुम्हें मेरी याद आती नही
मैं अच्छा तो हूं पर
तुम्हारी याद जाती नही
जब भी कहीं तन्हाई
में गुम होता हूं
मैं मैं नही रहता
तुम हो जाता हूं
तेरी यादों में सो जाता हूं
तेरी आगोश में खो जाता हूं
---- सुनिल #शांडिल्य
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