Saturday, January 21, 2023

क्या रखी थी कामना तुमसे भला अतिरिक्त मैंने?
कब तुम्हे मैंने प्रणय के पाश में घेरा? बताओ!!
#गीत में कितने #पिरोए प्रेम मैंने #भावना के
किन्तु तुम अनभिज्ञ थे तो #दोष क्या मेरा? बताओ!!
थी मेरी भी कामना, उन प्रेम में डूबे युगल सा
मैं तेरे रक्तिम अधर के सोमरस का पान कर लूँ

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