Wednesday, January 4, 2023
गुमनाम पगडंडियां भी
हाई-वे से मिल बैठती है
छंटते हैं फिर अंधेरे
जगमगाती राह दिखती है
शर्त बस है इतना
न थकना, न रुकना
आवारा सड़कों पर
बस बढ़ते रहना, चलते रहना
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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