Tuesday, January 3, 2023
आभास नही,एहसास नहीं,यह गहन स्नेह का बंधन है
सर्वस्व समर्पण और सानिध्य का मूर्तरूप आलिंगन है
दो पृथक हृदय जब एक राह चुनते हैं मन की,मनभावन
तब सघन प्रेम आधार का यह सबसे सशक्त आलम्बन है।
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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