Sunday, September 3, 2023

हमारी आँखों के दरिया में देखो क्या समाया है
हमारे मनमें क्या है हमने दिलमें क्या छुपाया है

जो पढ़ पाओ तो पढ़ लो तुम लबों की सिसकियां मेरी
दिलाएंगी मेरी ही याद हरपल हिचकियाँ तेरी

तुम्हें ही ढालके गीतोंमें हमने गुनगुनाया है
हमारी आँखों के दरिया में देखो क्या समाया है

खयालों में तुम्हीं तुम हो तुम्हीं हो गीत गजलों में
तुम्हीं हो शायरी मेरी तुम्हीं हो मेरी नज़्मों में

ये किसने प्यार का जादू मेरे ऊपर चलाया है
हमारी आँखों के दरिया में देखो क्या समाया है..

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

No comments:

Post a Comment