Tuesday, January 2, 2024

नव प्रभात है ! सादर वंदन 
सुप्रभात सुखमय हो जीवन
नव विहंग पुलकित है तन-मन 
विसरादो बीते कलुषित पल

नव प्रभात है ! सादर वंदन। 
मंगल बेला शुभ घडी आई
नित नूतन खुशियां संग लाई 
नव विचार सृजित हों हर पल

नव प्रभात है ! सादर वंदन। 
शुभ सोचो शुभ को ही ध्याओ
शुभ संग अपनी प्रीति बढाओ 
शुभ भावों से करो आचमन

नव प्रभात है ! सादर वंदन 
समय चक्र नित घूम रहा है
सजग रहो यह बोल रहा है 
स्वर्ण ताप में बनता कुंदन

नव प्रभात है ! सादर वंदन 
अखिल भारती का है कहना
सजग आत्मा में तुम रहना 
बन जाओ प्रभु के प्रिय चंदन

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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