Saturday, April 27, 2024

पलक झपकते हुआ करिश्मा ख़ुशबू जागी आंखों में 
साथ हमारे महक उठी है आज बहुत पुरवाई भी 

ये रिश्ता है नाज़ुक रिश्ता इसके हैं आदाब अलग 
ख़्वाब उसी के देख रहा हूँ जिसने नींद उड़ाई भी 

छलनी दिल को जैसे तैसे हमने आख़िर रफ़ू किया 
मगर अभी तक कुछ ज़ख़्मों की बाक़ी है तुरपाई भी 

प्यार-मुहब्बत की राहों पर चलकर ये महसूस हुआ 
परछाईं बनकर चलती है साथ-साथ रुसवाई भी 

उसकी यादों की ख़ुशबू से दिल कुछ यूं आबाद रहा 
मैं भी ख़ुश हूं मेरे घर में और मेरी तनहाई भी

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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