नशीली आँखों का,कौन नहीं कायल
कजरारे नैनो से होते,हर कोई घायल।
चढ़ा इश्क इसपे तू ,प्रीत की चाशनी
दीवाना बनाया हमें बावरा,तू,नाजनी।
रात का काजल है, तू भोर की तहरीर
तु लाली शाम की,मेरे नैनो की तासीर।
करे बातें, नैनो के काजल,जगे हसरत
होती जब तुम खामोश,लेती रुखसत।
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
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