Thursday, July 31, 2014
मुझमे खुशबू बसी उसकी है
जैसे ये ज़िन्दगी उसकी है
वो कही आसपास है मेरे
हो ना हो ये हंसी उसी की है
अब तो ये ख्वाब भी नही मेरे
अब तो ये नींद भी उसी की है
या तो कोई कमी नही मुझमे
या फिर मुझमे कमी उसकी है
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