Monday, April 27, 2015
कुछ तुम कहो खुद की
,
कुछ हम अपनी सुनाये
बिन तेरे किस तरह बीती
,
ये भी तुमको बताये
गम-ओ-खुशिया मेरी बाट सको तो बाट लो तुम
चलो एक बार फिर से हम वोही दोस्ती निभाये
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment