Wednesday, May 27, 2015

दूर हमसे जा पाओगे कैसे,
हमको भूल पाओगे कैसे,
हम वो खुशबु हैं जो साँसों में उतर जाये,
खुद अपनी साँसों को रोक पाओगे कैसे|

No comments:

Post a Comment