Friday, June 12, 2015
ए चाँद तू चमक या न चमक
,
तेरे चमकने का कोई गम नहीं
;
क्योंकि जो मेरी शायरी पढ़ रहा है
,
वो किसी चमकते चाँद से कम नहीं
|
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