Thursday, July 16, 2015

ख्वाब हकीकत हो जाए ,गर उनको मोहब्बत हो जाए
रात को निकले जब छत पे, चाँद को हैरत हो जाए
महफ़िल में रोशन हो चेहरा, तो दिल में क़यामत हो जाए
उठा ले वो चिलमन जो अपनी, देखो ना शरारत हो जाए
राहो में खड़े हैं उनकी कब, 'इश्क ' पे इनायत हो जाए

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