Saturday, August 8, 2015

कभी अपनी धुन में खोया रहा
और कभी तुम्हारी यादों में
कभी तुम्हे बातों में खोया रहा
तो कभी अधूरे ख्वाबों में
शायद एक ही चीज मुझे आती है
.........
खोना.......
पहले खुद को और फिर तुम्हे
और फिर शायद जीने की वजह भी
जानता हूँ अब कुछ भी नहीं है मेरे पास
...................................
पर जाने क्यों लगता है मैं अभी भी....
शायद अभी भी.... कुछ... खो रहा हूँ......

No comments:

Post a Comment