Friday, December 25, 2015
ये खिज़ा ये अँधेरे ये वीराना सा सफ़र
,
हम तो निकले थे कहीं और ही जाने के लिए
,,
आइना देख के हैराँ सा हो जाता हूँ
,
खुद को ही भूल गया तुझको पाने के लिए
,,
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