Friday, December 25, 2015

तू किसी ख्वाब की मानिंद हसीं है लेकिन,
ख्वाब तो ख्वाब है दम भर में बिखर जाएगा,,
मुझ को हर लम्हा सताएगी रफाकत तेरी,
इश्क ता-उम्र मेरे दिल पे सितम ढाएगा,,
हर घडी फिर भी तुझे पाने की वहसत क्यों है,
सोचता हूँ के मुझे तुझ से मोहब्बत क्यों है.......

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