Thursday, January 7, 2016
न हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!
तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी!
आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं!
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