Wednesday, January 6, 2016
महक कम न हो कभी दोस्ती में!
प्यार ऐसा हो जो मिलने को मजबूर करे!
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती!
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