Saturday, April 2, 2016

कभी दीवार, कभी दर की तरफ जाते हैं
रास्ते सारे तेरे घर की तरफ जाते हैं
एक ही चोट हो जायेंगे, रेज़ा रेज़ा
आईने किस लिए पत्थर की तरफ जाते हैं

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