Friday, May 20, 2016
मय छलक जाए तो तंगदिल हैं पीने वाले
,
जाम खाली हो तो साकी तेरी रूसवाई है।
देखिए कैसे पहुंचते हैं किनारे हम लोग
,
नाव मंझधार में है
,
मल्लाह को नींद आई है।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment