Thursday, May 5, 2016
तेरा अंदाज़-ए-दुश्मनी ऐ दोस्त
,
हू-ब-हू तेरी दोस्ती सी लगे
मौत से क्या डराओगे उसे
,
जिसको मरना भी ज़िन्दगी सा लगे
-
सरदार अंजुम
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