Thursday, June 30, 2016
हर सुबह मेरे सर पर इक हादिसा नया है
,
पैवंद हो ज़मीन का
,
शेवा इस आसमाँ का
|
-
मीर तकी मीर
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment