Thursday, June 30, 2016
कामरान यूँ था मेरा बख्त-ए-जवाँ कल रात को
,
झुक रहा था मेरे दर पे आसमाँ कल रात को
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जगन्नाथ अज़ाद
कामरान = सफल
,
बख्त = भाग्य
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