Wednesday, March 29, 2017

मिला न कोई हमसफ़र ऐसा, बेलगाम ज़िन्दगी को मेरी थाम ले.. सफर पर निकल पडूं बेफिक्र ,और वो मेरी बांह थाम ले...

No comments:

Post a Comment