कांटों में खिले फूल कुछ
समझाने की बात करते हैं
गम के आलम में भी मुस्कुराने की बात करते हैं।
बेसबब ही नहीं बख्शे कुदरत ने रंग फूलों को
ये खुशी के रंगों से ज़िंदगी सजाने की बात करते हैं।
मर जाते है फूल शाख से अलग होकर फिर भी
एक धागे में जुड़कर, जुड़ जाने की बात करते हैं।
जब भी गिरते हैं ये फूल किसी मय्यत पर
इंसा को ज़िंदगी के कीमत बताने की बात करते हैं।
इनकी नाज़ुकी है तस्वीर उन कमज़ोर शख्सों की
जो गम के झोंकों में बिखर जाने की बात करते हैं।
हमें आगाह करते हैं फूल ज़ुल्फ़ों मे उलझकर
कि ये हंसी चेहरे सदा उलझाने की बात करते हैं।
ये फ़कत ग़ज़ल नहीं दोस्तों ज़रा गौर फ़रमाओ
फूलों के जरिये 'बर्बाद' कुछ सिखाने की बात
गम के आलम में भी मुस्कुराने की बात करते हैं।
बेसबब ही नहीं बख्शे कुदरत ने रंग फूलों को
ये खुशी के रंगों से ज़िंदगी सजाने की बात करते हैं।
मर जाते है फूल शाख से अलग होकर फिर भी
एक धागे में जुड़कर, जुड़ जाने की बात करते हैं।
जब भी गिरते हैं ये फूल किसी मय्यत पर
इंसा को ज़िंदगी के कीमत बताने की बात करते हैं।
इनकी नाज़ुकी है तस्वीर उन कमज़ोर शख्सों की
जो गम के झोंकों में बिखर जाने की बात करते हैं।
हमें आगाह करते हैं फूल ज़ुल्फ़ों मे उलझकर
कि ये हंसी चेहरे सदा उलझाने की बात करते हैं।
ये फ़कत ग़ज़ल नहीं दोस्तों ज़रा गौर फ़रमाओ
फूलों के जरिये 'बर्बाद' कुछ सिखाने की बात
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