Wednesday, May 10, 2017

कितना खुबसूरत हैं देखो ये मंजर,
जब तुम सो रही हो मेरे सिने पर रख के सर!
और मैं तुम्हारे बालों को सहला रहा हूँ,
चाँद से हसीं चेहरे को देखता जा रहा हूँ,

ऐ खुदा ये रात ना बीते, ना आई कभी कल,
कितना खुबसूरत हैं देखो ये मंजर!!!
सोते हुए चेहरे पर मुस्कराहट हैं छाई,
लगता हैं मानो सरे जहाँ की खुशियाँ सिमट आई,

तुम यु ही खुश रहो सदा, चाहे आई जो भी पल,
कितना खुबसूरत हैं देखो ये मंजर,
जब तुम सो रही हो मेरे सिने पर रख के सर.

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