तेरी आँखों की दरगाह में
मोहब्बत की चादर चढा़ने आ गये
जरूरतमंद है ख्वाब मेरे
ले फिर मन्नतों मे तुझे पाने आ गये
---- सुनिल श्रीगौड
No comments:
Post a Comment