Friday, April 9, 2021

उड़ चला है संग तेरे बन के

परिंदा ये मन मेरा


पंख लगे हैं जब दोस्ती के तेरे

ज़मीं है मेरी गगन मेरा


तेरे नाम की लिखी वसीयत हमने

अपना तो अगला जन्म तेरा


सदाबहार का फूल बन के निखरना

और हो सारा चमन मेरा


फिर हक़ से कहें तू है सनम मेरा


---- सुनिल श्रीगौड

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